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वैदिक-साहित्य
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वैदिक-साहित्य भाग - १
वैदिक साहित्य का सामान्य परिचय -
सहिता साहित्यसंवाद सूक्त :
ब्राह्मण साहित्य
आरण्यक साहित्य
वेदांग
शुक्लयजुर्वेदः -
अथर्ववेदः -
- वेद के कितने अंग है?
- शिक्षा वेद का अङ्ग
- कल्प वेद का एक अङ्ग
- व्याकरण वेद का अङ्ग
- निरुक्त वेद का एक अंग
- छंद वेद का अङ्ग
- ज्योतिष वेद का अंग
वैदिक-साहित्य भाग - २
(ख) वैदिक साहित्य का विशिष्ट अध्ययन :-
1. निम्नलिखित सूक्तों का अध्ययन :-
ऋग्वेदः -- ऋग्वैदिक अग्नि सूक्त (1.1),
- ऋग्वैदिक वरुण सूक्त (1.25),
- ऋग्वैदिक सूर्य सूक्त (1.125).
- ऋग्वैदिक इन्द्र सूक्त (2.12),
- ऋग्वैदिक उपस् सूक्त (3.61),
- ऋग्वैदिक पर्जन्य सूक्त (5.83),
- ऋग्वैदिक अक्ष सूक्त (10.34)
- ऋग्वैदिक ज्ञान सूक्त (10.71),
- ऋग्वैदिक पुरुष सूक्त ( 10.90),
- ऋग्वैदिक हिरण्यगर्भ सूक्त (10.121),
- ऋग्वैदिक वाक् सूक्त (10.125),
- ऋग्वैदिक नासदीय सूक्त (10.129)
अथर्ववेदः -
- अथर्ववैदिक राष्ट्राभिवर्धनम् सूक्त (1.29)
- अथर्ववैदिक काल सूक्त ( 10.53).
- अथर्ववैदिक पृथिवी सूक्त (12.1)
2. ब्राह्मण-साहित्य :-
- प्रतिपाद्य विषय, विधि एवं उसके प्रकार,
- अग्निहोत्र,
- अग्निष्टोम
- दर्शपूर्णमास यज्ञ,
- चातुर्मास्य ओर पशुबन्ध
- पंचमहायज्ञ,
- आख्यान (शुनःशेप, वाङ्मनस्)।
3. उपनिषद् साहित्य :-
- उपनिषदों की विषयवस्तु तथा प्रमुख अवधारणाओं का अध्ययन
- ईशोपनिषद ,
- केनोपनिषद ,
- कठोपनिषद,
- प्रश्नोपनिषद ,
- मुण्डकोपनिषद ,
- माण्डूक्योपनिषद ,
- तैतरीय उपनिषद ,
- ऐतरेय उपनिषद ,
- छान्दोग्य उपनिषद ,
- बृहदारण्यक उपनिषद,
4. वैदिक व्याकरण, निरुक्त एवं वैदिक व्याख्या पद्धति :-
वैदिक साहित्य के अभ्यास प्रश्न (Q 1-250):- click here
दर्शन- साहित्य
दर्शन- साहित्य भाग - ३
(क) प्रमुख भारतीय दर्शनों का सामान्य परिचय :-
योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा के संदर्भ में )दर्शन- साहित्य भाग - ४
(ख) दर्शन-साहित्य का विशिष्ट अध्ययन :-
दर्शन साहित्य के अभ्यास प्रश्न :-
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान-
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान भाग - ५
(क) परिचय: निम्नलिखित आचायों का परिचय :-
- पाणिनि, कात्यायन, पतंजलि, भर्तृहरि, वामनजयादित्य, भट्टोजिदीक्षित, नागेशभट्ट, जैनेन्द्र, कैय्यट, शाकटायन, हेमचन्द्रसूरि, सारस्वतव्याकरणकरण
- पाणिनीय शिक्षा
- भाषाविज्ञान :-
- भाषा की परिभाषा,
- भाषा का वर्गीकरण ( आकृतिमूलक एवं पारिवारिक),
- ध्वनियों का वर्गीकरण : स्पर्श, संघर्षी, अर्धस्वर, स्वर (संस्कृत ध्वनियों के विशेष संदर्भ में),
- मानवीय ध्वनियंत्र,
- ध्वनि परिवर्तन के कारण,
- ध्वनि नियम (ग्रिम. ग्रासमान बर्नर) अर्थ परिवर्तन की दिशाएँ एवं कारण,
- वाक्य का लक्षण व भेद,
- भारोपीय परिवार का सामान्य परिचय
- वैदिक संस्कृत एवं लौकिक संस्कृत में अन्तर, भाषा तथा वाक् में अन्तर,
- भाषा तथा बोली में अन्तर
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान भाग - ६
(ख) व्याकरण का विशिष्ट अध्ययन -
- परिभाषाएँ :- संहिता, संयोग, गुण, वृद्धि प्रातिपदिक, नदी, घि, उपधा, अपृक्त, गति, पद, विभाषा, सवर्ण, टि, प्रगृह्य, सर्वनामस्थान, भ, सर्वनाम, निष्ठा ।
- सन्धि - अच सन्धि, हल सन्धि, विसर्ग सन्धि (लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार )
- सुबन्त अजन्त :- राम, सर्व (तीनों लिंगों में) विश्वपा, हरि, त्रि (तीनों लिंगों में) सखि, सुधी, गुरु, पितृ, गौ, रमा, मति, नदी, धेनु, मातृ, ज्ञान, वारि, मधु
- हलन्त :- लिह्, विश्ववाह, चतुर (तीनों लिंगों में), इदम(तीनों लिंगों में), किम(तीनों लिंगों में), तत् (तीनों लिंगी में), राजन मघवन् पथिन, विद्वस् अस्मद, युष्मद
- समास :- अव्ययीभाव, तत्पुरुष, बहुव्रीहि, द्वन्द्व, (लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार)
- तद्धित :- अपत्यार्थक एवं मत्वर्थीय (सिद्धान्तकौमुदी के अनुसार)
- तिङन्त :- भू, एध्, अद्, अस्, हु, दिव्, पुञ्, तुद्, तन्, कृ रुध्, क्रीञ्, चुर् ।
- प्रत्ययान्त :- णिजन्त, सन्नन्त, यङन्त, यङ्लुगन्त, नामधातु ।
- कृदन्त :- तव्य/तव्यत्, आनीयर्, यत् ण्यत्, क्यप्, शतृ, शनच्, क्त्वा, क्त, क्तवतु, तुमुन्, णमुल् ।
- स्त्री प्रत्यय :- लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
- कारक प्रकरण :- सिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
- परस्मैपद एवं आत्मनेपद विधान :- सिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
- महाभाष्य (पस्पशाह्निक) :- शब्दपरिभाषा, शब्द एवं अर्थ संबंध, व्याकरण अध्ययन के उद्देश्य, व्याकरण की परिभाषा, साधु शब्द के प्रयोग का परिणाम, व्याकरण पद्धति।
- वाक्यपदीयम् (ब्रह्मकाण्ड) :- स्फोट का स्वरूप, शब्द-ब्रह्म का स्वरूप, शब्द ब्रह्म की शक्तियाँ, स्फोट एवं ध्वनि का संबंध, शब्द अर्थ संबंध, ध्वनिः के प्रकार, भाषा के स्तर
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान के अभ्यास प्रश्न :-
संस्कृत साहित्य काव्यशास्त्र एवं छन्दपरिचय :
संस्कृत साहित्य काव्यशास्त्र एवं छन्दपरिचय भाग - ७
(क) निम्नलिखित का सामान्य परिचय
- भास, अश्वघोष, कालिदास, शूद्रक, विशाखदत्त, भारवि माघ, हर्ष, बाणभट्ट, दण्डी, भवभूति, भट्टनारायण, बिल्हण, श्रीहर्ष, अम्बिकादत्तव्यास, पंडिता क्षमाराव, वी. राघवन, श्रीधरभास्कर वर्णेकर ।
- काव्यशास्त्र : रससम्प्रदाय, अलंकारसम्प्रदाय, रीतिसम्प्रदाय, ध्वसम्प्रदाय, कोक्तिसम्प्रदाय, औचित्यमम्प्रदाया
- पाश्चात्य काव्यशास्त्र अरस्तु, लॉनाइनस, क्रोचे ।
संस्कृत साहित्य काव्यशास्त्र एवं छन्दपरिचय भाग - ८
(ख) निम्नलिखित का विशिष्ट अध्ययन
- पद्य :- बुद्धचरितम् (प्रथम), रघुवंशम् (प्रथमसर्ग), किरातार्जुनीयम् (प्रथमसर्ग), शिशुपालवधम् (प्रथमसर्ग), नैषधीयचरितम् (प्रथमसर्ग)
- नाट्य :- स्वप्रवासवदत्तम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम्, वेणीसंहारम्, मुद्राराक्षसम्, उत्तररामचरितम्, रत्नावली, मृच्छकटिकम्
- गद्य :- दशकुमारचरितम् (अष्टम-उच्छ्वास), हर्षचरितम् (पञ्चम-उच्छ्वास), कादम्बरी (शुकनासोपदेश)
- चम्पूकाव्य :- नलचम्पू (प्रथम-उच्छ्वास)
- साहित्यदर्पण :-
- काव्यप्रकाश :- काव्यप्रयोजन, काव्यहेतु, काव्यभेद, शब्दशक्ति, काव्यलक्षण, अभिहितान्वयवाद, अन्विताभिधानवाद, रसस्वरूप एवं रससूत्र विमर्श, रसदोष, काव्यगुण, व्यंजनावृत्ति की स्थापना (पञ्चम उल्लास)
- अंलकार:- वक्रोक्ति अनुप्रास, यमक, श्लेष, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, समासोक्ति, अपह्नुति, निदर्शना अर्थान्तरन्यास, दृष्टान्त, विभावना, विशेषोक्ति, स्वभावोक्ति, विरोधाभास, सकंर, संसृष्टि।
- ध्वन्यालोकः (प्रथम उद्योत)
- वक्रोक्तिजीवितम् (प्रथम उन्मेष)
- भरत नाट्यशास्त्रम् (द्वितीय एवं षष्ठ अध्याय)
- दशरूपकम् (प्रथम तथा तृतीय प्रकाश)
- छन्द परिचय- आर्या, अनुष्टुप, इन्द्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा, वसन्ततिलका, उपजाति, वंशस्थ द्रुतविलम्बित, शालिनी, मालिनी, शिखरिणी, मन्दाक्रान्ता, हरिणी, शार्दूलविक्रीडित, स्रग्धरा
पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र एवं अभिलेखशास्त्र
पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र एवं अभिलेखशास्त्र भाग - ९
(क) निम्नलिखित का सामान्य परिचय :
- रामायण - विषयवस्तु काल, रामायणकालीन समाज, परवर्ती ग्रन्थों के लिए प्रेरणास्रोत. साहित्यिक महत्त्व, रामायण में
- महाभारत - विषयवस्तु काल, महाभारतकालीन समाज, परवर्ती ग्रन्थों के लिए प्रेरणास्त्रोत, साहित्यिक महत्त्व, महाभारत में आख्यान
- पुराण पुराण की परिभाषा, महापुराण उपपुराण, पौराणिक सृष्टि-विज्ञान, आख्यान
- प्रमुख स्मृतियों का सामान्य परिचय।
- अर्थशास्त्र का सामान्य परिचय।
- लिपि ब्राह्मी लिपि का इतिहास एवं उत्पत्ति के सिद्धान्त।
- अभिलेख का सामान्य परिचयः
पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र एवं अभिलेखशास्त्र भाग - १०
(ख) निम्नलिखित ग्रन्थों का विशिष्ट अध्ययन
- कौटिलीय अर्थशास्त्रम् (प्रथम विनयाधिकारिक)
- मनुस्मृतिः (प्रथम, द्वितीय तथा सप्तम अध्याय)
- याज्ञवल्क्यस्मृति: (व्यवहाराध्याय)
- लिपि तथा अभिलेख-
- गुप्तकालीन तथा अशोककालीन ब्राह्मी लिपि ।
- अशोक के अभिलेख प्रमुख शिलालेख, प्रमुख स्तम्भलेख मौर्योत्तरकालीन अभिलेख कनिष्क के शासन वर्ष 3 का सारनाथ बौद्ध प्रतिमा लेख, रुद्रदामन का गिरनार शिलालेख, खारवेल का हाथीगुम्फा अभिलेख ।
- गुप्तकालीन एवं गुप्तोत्तरकालीन अभिलेख समुद्रगुप्त का इलाहाबाद स्तम्भलेख, यशोधर्मन का मन्दसौर शिलालेख, हर्ष का बांसखेडा ताम्रपट्ट अभिलेख, पुलकेशिन द्वितीय का एहोल शिलालेख ।
- पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र (मनुस्मृति, याज्ञवल्क्यस्मृति, अर्थशास्त्र)
परिशिष्ट :-
1. वैदिक वाङ्मयम्
2. ऋग्वैदिक देवताः
3. ऋग्वैदिक (शाकल) मन्त्रविभागाः
4. वैदिक वाङ्मय-परिचय-सारणी
5. निर्दिष्ट-दर्शनग्रन्थानां-परिचय-सामान्यम्
6. भारतीय दर्शन की शाखाओं की सूची
7. साङ्खसाहित्य
8. महाकाव्यादीनां ग्रन्थानां संक्षिप्त परिचय-सारणी
9. रूपकोपरूपकादिनिरूपणम्
- संस्कृतवाङ्मयम्
- ग्रन्थ एवं ग्रन्थकार
- काव्यशास्त्रम्
- संस्कृतनाटकम्
- संस्कृतकविः
- संस्कृत संख्या
- संस्कृतपत्रिकाणाम् अनुक्रमणिका
- प्रमुख भाष्यकार एवं ग्रन्थ
- विविधसमासानामावली
- वैदिक साहित्य का सामान्य परिचय
- दर्शन साहित्य का सामान्य परिचय
- साहित्य का सामान्य परिचय
विगत वर्षो के प्रश्नपत्र-
- नेट द्वितीय प्रश्नपत्र जून 2015
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उत्तरमाला.. ॐ