अग्निहोत्र एक श्रौतयाग

 अग्निहोत्र एक श्रौतयाग

॥अग्निहोत्र॥

अग्निहोत्र एक वैदिक यज्ञ है। इस यज्ञ का वर्णन यजुर्वेद में मिलता है। वैदिक काल में अग्निहोत्र का बड़ा नाम था। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों आदि में इस यज्ञ का उल्लेख मिलता है। यह दो प्रकार का होता है- 

  • 1. नित्य,
  •  2. काम्य । 

अग्नि-स्थापन करके आजीवन प्रातःकाल और सायंकाल नियमपूर्वक हवन करना 'नित्य' और किसी कामना के लिए निर्दिष्ट समय तक हवन करना 'काम्य' है। यह श्रौतयाग के अन्तर्गत हविर्याग में आता है। इसमें घृत दुग्ध के साथ प्रतिदिन हवन किया जाता है । अग्निहोत्र याग के लिए वर्णों में ऋतुओं का विधान किया गया है- 

  • ब्राह्मण वसन्त ऋतु, 
  • क्षत्रिय- ग्रीष्म ऋतु, 
  • वैश्यवर्षा ऋतु ।