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वैदिक-साहित्य
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वैदिक-साहित्य भाग - १
वैदिक साहित्य का सामान्य परिचय -
सहिता साहित्यसंवाद सूक्त : ब्राह्मण साहित्य आरण्यक साहित्य
वेदांग वैदिक-साहित्य भाग - २
(ख) वैदिक साहित्य का विशिष्ट अध्ययन :-
1. निम्नलिखित सूक्तों का अध्ययन :-
ऋग्वेदः -
शुक्लयजुर्वेदः - अथर्ववेदः - 2. ब्राह्मण-साहित्य :-
3. उपनिषद् साहित्य :-
- उपनिषदों की विषयवस्तु तथा प्रमुख अवधारणाओं का अध्ययन
- ईशोपनिषद ,
- केनोपनिषद ,
- कठोपनिषद,
- प्रश्नोपनिषद ,
- मुण्डकोपनिषद ,
- माण्डूक्योपनिषद ,
- तैतरीय उपनिषद ,
- ऐतरेय उपनिषद ,
- छान्दोग्य उपनिषद ,
- बृहदारण्यक उपनिषद,
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श्वेरश्वेतर4. वैदिक व्याकरण, निरुक्त एवं वैदिक व्याख्या पद्धति :-
- निरुक्त (अध्याय 1 तथा 2) चार पद नाम विचार, आख्यात विचार, उपसर्गों का अर्थ, निपात की कोटियाँ,
- निरुक्त अध्ययन के प्रयोजन
- निम्नलिखित शब्दों की व्युत्पत्ति :- आचार्य, वीर, हृद, गो, समुद्र, वृत्र, आदित्य, उषम, मेघ, वाक्, उदक, नदी, अश्व, अग्नि, जातवेदस्, वैश्वानर, निघण्टु ।
- निरुक्त (अध्याय 7 दैवत काण्ड)
- वैदिक स्वर:- उदात्त, अनुदात्त तथा स्वरित
- वैदिक व्याख्या पद्धति:- प्राचीन, अर्वाचीन एवं पाश्चात्य.
वैदिक साहित्य के अभ्यास प्रश्न :-
दर्शन- साहित्य
दर्शन- साहित्य भाग - ३
(क) प्रमुख भारतीय दर्शनों का सामान्य परिचय :-
- प्रमाणमीमांसा, तत्त्वमीमांसा, आचारमीमांसा, ( चार्वाक, जैन, बौद्ध, न्याय, सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा के संदर्भ में)
दर्शन- साहित्य भाग - ४
(ख) दर्शन-साहित्य का विशिष्ट अध्ययन :-
- ईश्वरकृष्ण सांख्यकारिका - सत्कार्यवाद, पुरुषस्वरूप प्रकृतिस्वरूप, सृष्टिक्रम, प्रत्ययसर्ग, कैमल्य
- सदानन्द वेदान्तसार - अनुबन्ध-चतुष्टर, अज्ञान, अध्यारोप अपवाद, लिंगशरीरोत्पत्ति, पंचीकरण, विवर्त, महावाक्य, जीवन्मुक्तिः
- अन्नंभट्टः तर्कसंग्रह / केशव मिश्र तर्कभाषा - पदार्थ, कारण, प्रमाण (प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द) प्रामाण्यवाद, प्रमेय
- 1. लौगाक्षिभास्कर अर्थसंग्रह
- 2. पतंजलि: योगसूत्र (व्यासभाष्य) वित्तभूमि चित्तवृत्तियाँ, ईश्वर का स्वरूप, योगाङ्ग, समाधि, कैवल्या
- 3. बादरायण ब्रह्मसूत्र 1.1 (शांकरभाष्य)
- 4. विश्वनाथपंचाननः न्यायसिद्धान्तमुक्तावली (अनुमानखण्ड)
- 5. सर्वदर्शनसंग्रह जैनमत, वौद्धमत
दर्शन साहित्य के अभ्यास प्रश्न :-
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान-
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान भाग - ५
(क) परिचय: निम्नलिखित आचायों का परिचय :-
- पाणिनि, कात्यायन, पतंजलि, भर्तृहरि, वामनजयादित्य, भट्टोजिदीक्षित, नागेशभट्ट, जैनेन्द्र, कैय्यट, शाकटायन, हेमचन्द्रसूरि, सारस्वतव्याकरणकरण
- भाषाविज्ञान :-
- भाषा की परिभाषा,
- भाषा का वर्गीकरण ( आकृतिमूलक एवं पारिवारिक),
- ध्वनियों का वर्गीकरण : स्पर्श, संघर्षी, अर्धस्वर, स्वर (संस्कृत ध्वनियों के विशेष संदर्भ में),
- मानवीय ध्वनियंत्र,
- ध्वनि परिवर्तन के कारण,
- ध्वनि नियम (ग्रिम. ग्रासमान बर्नर) अर्थ परिवर्तन की दिशाएँ एवं कारण,
- वाक्य का लक्षण व भेद,
- भारोपीय परिवार का सामान्य परिचय
- वैदिक संस्कृत एवं लौकिक संस्कृत में अन्तर, भाषा तथा वाक् में अन्तर,
- भाषा तथा बोली में अन्तर
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान भाग - ६
(ख) व्याकरण का विशिष्ट अध्ययन -
- परिभाषाएँ :- संहिता, संयोग, गुण, वृद्धि प्रातिपदिक, नदी, घि, उपधा, अपृक्त, गति, पद, विभाषा, सवर्ण, टि, प्रगृह्य, सर्वनामस्थान, भ, सर्वनाम, निष्ठा ।
- सन्धि - अच सन्धि, हल सन्धि, विसर्ग सन्धि (लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार )
- सुबन्त अजन्त :- राम, सर्व (तीनों लिंगों में) विश्वपा, हरि, त्रि (तीनों लिंगों में) सखि, सुधी, गुरु, पितृ, गौ, रमा, मति, नदी, धेनु, मातृ, ज्ञान, वारि, मधु
- हलन्त :- लिह्, विश्ववाह, चतुर (तीनों लिंगों में), इदम(तीनों लिंगों में), किम(तीनों लिंगों में), तत् (तीनों लिंगी में), राजन मघवन् पथिन, विद्वस् अस्मद, युष्मद
- समास :- अव्ययीभाव, तत्पुरुष, बहुव्रीहि, द्वन्द्व, (लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार)
- तद्धित :- अपत्यार्थक एवं मत्वर्थीय (सिद्धान्तकौमुदी के अनुसार)
- तिङन्त :- भू, एध्, अद्, अस्, हु, दिव्, पुञ्, तुद्, तन्, कृ रुध्, क्रीञ्, चुर् ।
- प्रत्ययान्त :- णिजन्त, सन्नन्त, यङन्त, यङ्लुगन्त, नामधातु ।
- कृदन्त :- तव्य/तव्यत्, आनीयर्, यत् ण्यत्, क्यप्, शतृ, शनच्, क्त्वा, क्त, क्तवतु, तुमुन्, णमुल् ।
- स्त्री प्रत्यय :- लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
- कारक प्रकरण :- सिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
- परस्मैपद एवं आत्मनेपद विधान :- सिद्धान्तकौमुदी के अनुसार
- महाभाष्य (पस्पशाह्निक) :- शब्दपरिभाषा, शब्द एवं अर्थ संबंध, व्याकरण अध्ययन के उद्देश्य, व्याकरण की परिभाषा, साधु शब्द के प्रयोग का परिणाम, व्याकरण पद्धति।
- वाक्यपदीयम् (ब्रह्मकाण्ड) :- स्फोट का स्वरूप, शब्द-ब्रह्म का स्वरूप, शब्द ब्रह्म की शक्तियाँ, स्फोट एवं ध्वनि का संबंध, शब्द अर्थ संबंध, ध्वनिः के प्रकार, भाषा के स्तर
व्याकरण एवं भाषाविज्ञान के अभ्यास प्रश्न :-
संस्कृत साहित्य काव्यशास्त्र एवं छन्दपरिचय :
संस्कृत साहित्य काव्यशास्त्र एवं छन्दपरिचय भाग - ७
(क) निम्नलिखित का सामान्य परिचय
- भास, अश्वघोष, कालिदास, शूद्रक, विशाखदत्त, भारवि माघ, हर्ष, बाणभट्ट, दण्डी, भवभूति, भट्टनारायण, बिल्हण, श्रीहर्ष, अम्बिकादत्तव्यास, पंडिता क्षमाराव, वी. राघवन, श्रीधरभास्कर वर्णेकर ।
- काव्यशास्त्र : रससम्प्रदाय, अलंकारसम्प्रदाय, रीतिसम्प्रदाय, ध्वसम्प्रदाय, कोक्तिसम्प्रदाय, औचित्यमम्प्रदाया
- पाश्चात्य काव्यशास्त्र अरस्तु, लॉनाइनस, क्रोचे ।
संस्कृत साहित्य काव्यशास्त्र एवं छन्दपरिचय भाग - ८
(ख) निम्नलिखित का विशिष्ट अध्ययन
- पद्य :- बुद्धचरितम् (प्रथम), रघुवंशम् (प्रथमसर्ग), किरातार्जुनीयम् (प्रथमसर्ग), शिशुपालवधम् (प्रथमसर्ग), नैषधीयचरितम् (प्रथमसर्ग)
- नाट्य :- स्वप्रवासवदत्तम्, अभिज्ञानशाकुन्तलम्, वेणीसंहारम्, मुद्राराक्षसम्, उत्तररामचरितम्, रत्नावली, मृच्छकटिकम्
- गद्य :- दशकुमारचरितम् (अष्टम-उच्छ्वास), हर्षचरितम् (पञ्चम-उच्छ्वास), कादम्बरी (शुकनासोपदेश)
- चम्पूकाव्य :- नलचम्पू (प्रथम-उच्छ्वास)
- काव्यप्रकाश :- काव्यप्रयोजन, काव्यहेतु, काव्यभेद, शब्दशक्ति, काव्यलक्षण, अभिहितान्वयवाद, अन्विताभिधानवाद, रसस्वरूप एवं रससूत्र विमर्श, रसदोष, काव्यगुण, व्यंजनावृत्ति की स्थापना (पञ्चम उल्लास)
- अंलकार:- वक्रोक्ति अनुप्रास, यमक, श्लेष, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, समासोक्ति, अपह्नुति, निदर्शना अर्थान्तरन्यास, दृष्टान्त, विभावना, विशेषोक्ति, स्वभावोक्ति, विरोधाभास, सकंर, संसृष्टि।
- ध्वन्यालोकः (प्रथम उद्योत)
- वक्रोक्तिजीवितम् (प्रथम उन्मेष)
- भरत नाट्यशास्त्रम् (द्वितीय एवं षष्ठ अध्याय)
- दशरूपकम् (प्रथम तथा तृतीय प्रकाश)
- छन्द परिचय- आर्या, अनुष्टुप, इन्द्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा, वसन्ततिलका, उपजाति, वंशस्थ द्रुतविलम्बित, शालिनी, मालिनी, शिखरिणी, मन्दाक्रान्ता, हरिणी, शार्दूलविक्रीडित, स्रग्धरा
साहित्य के अभ्यास प्रश्न :-
पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र एवं अभिलेखशास्त्र
पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र एवं अभिलेखशास्त्र भाग - ९
(क) निम्नलिखित का सामान्य परिचय :
- रामायण - विषयवस्तु काल, रामायणकालीन समाज, परवर्ती ग्रन्थों के लिए प्रेरणास्रोत. साहित्यिक महत्त्व, रामायण में
- महाभारत - विषयवस्तु काल, महाभारतकालीन समाज, परवर्ती ग्रन्थों के लिए प्रेरणास्त्रोत, साहित्यिक महत्त्व, महाभारत में आख्यान
- पुराण पुराण की परिभाषा, महापुराण उपपुराण, पौराणिक सृष्टि-विज्ञान, आख्यान
- प्रमुख स्मृतियों का सामान्य परिचय।
- अर्थशास्त्र का सामान्य परिचय।
- लिपि ब्राह्मी लिपि का इतिहास एवं उत्पत्ति के सिद्धान्त।
पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र एवं अभिलेखशास्त्र भाग - १०
(ख) निम्नलिखित ग्रन्थों का विशिष्ट अध्ययन
- कौटिलीय अर्थशास्त्रम् (प्रथम विनयाधिकारिक)
- मनुस्मृतिः (प्रथम, द्वितीय तथा सप्तम अध्याय)
- याज्ञवल्क्यस्मृति: (व्यवहाराध्याय)
- लिपि तथा अभिलेख-
- गुप्तकालीन तथा अशोककालीन ब्राह्मी लिपि ।
- अशोक के अभिलेख प्रमुख शिलालेख, प्रमुख स्तम्भलेख मौर्योत्तरकालीन अभिलेख कनिष्क के शासन वर्ष 3 का सारनाथ बौद्ध प्रतिमा लेख, रुद्रदामन का गिरनार शिलालेख, खारवेल का हाथीगुम्फा अभिलेख ।
- गुप्तकालीन एवं गुप्तोत्तरकालीन अभिलेख समुद्रगुप्त का इलाहाबाद स्तम्भलेख, यशोधर्मन का मन्दसौर शिलालेख, हर्ष का बांसखेडा ताम्रपट्ट अभिलेख, पुलकेशिन द्वितीय का एहोल शिलालेख ।
- पुराणेतिहास, धर्मशास्त्र (मनुस्मृति, याज्ञवल्क्यस्मृति, अर्थशास्त्र)
लिपि एवं अभिलेखशास्त्र के अभ्यास प्रश्न :-
1. वैदिक वाङ्मयम्
2. ऋग्वैदिक देवताः
3. ऋग्वैदिक (शाकल) मन्त्रविभागाः
4. वैदिक वाङ्मय-परिचय-सारणी
5. निर्दिष्ट-दर्शनग्रन्थानां-परिचय-सामान्यम्
6. भारतीय दर्शन की शाखाओं की सूची
7. साङ्खसाहित्य
8. महाकाव्यादीनां ग्रन्थानां संक्षिप्त परिचय-सारणी
9. रूपकोपरूपकादिनिरूपणम्
- संस्कृतपत्रिकाणाम् अनुक्रमणिका
- प्रमुख भाष्यकार एवं ग्रन्थ
- वैदिक साहित्य का सामान्य परिचय
- दर्शन साहित्य का सामान्य परिचय
विगत वर्षो के प्रश्नपत्र-
- नेट द्वितीय प्रश्नपत्र जून 2015
- नेट तृतीय प्रश्नपत्र जून 2015
- नेट द्वितीय प्रश्नपत्र दिसम्बर 2015
- नेट तृतीय प्रश्नपत्र दिसम्बर- 2015
- नेट द्वितीय प्रश्नपत्र जुलाई-2016
- नेट तृतीय प्रश्नपत्र जुलाई-2016
- नेट द्वितीय प्रश्नपत्र जनवरी-2017
- नेट तृतीय प्रश्नपत्र जनवरी- 2017
- नेट द्वितीय प्रश्नपत्र नवम्बर-2017
- नेट तृतीय प्रश्नपत्र नवम्बर-2017
- नेट प्रश्नपत्र जुलाई-2018
- नेट प्रश्नपत्र दिसम्बर 2018
उत्तरमाला.. ॐ