माण्डूक्य उपनिषद्
6/29/2023 04:55:03 pm
माण्डूक्य उपनिषद्
माण्डूक्य उपनिषद्
UGC - net सम्पुर्ण संस्कृत सामग्री कोड - २५ पुरा सिलेबस
इस उपनिषद में 12 वाक्य या खंड हैं। इसमें बताया गया है कि यह सारा संसार, वर्तमान भूत और भविष्यत् सब कुछ 'ओम्' की ही व्याख्या है । ओम् के अतिरिक्त और कुछ नहीं है । ओम् के एक-एक अक्षर अ उ म् की विभिन्न अवस्थाओं के फलस्वरूप सृष्टि के विभिन्न रूप हैं । वेदान्त की मूल भावना इस उपनिषद् में प्राप्त होती है ।
- अयमात्मा ब्रह्म।
ओम् की व्याख्या
ओम् की मात्रा अवस्था -
अ - जागरित
उ - स्वप्न
म् सुषुप्ति -
तुरीय
आत्मा स्वरूप
वैश्वानर
तैजस
प्राज्ञ
अद्वैत शिव
विषय
स्थूलभुक् (स्थूल)
प्रविविक्तभुक् (सूक्ष्म)
आनन्दभुक् (आनन्द)
अवर्णनीय