पद्मश्री डाह्याभाई करुणाशंकर शास्त्री - जीवन परिचय एवं जीवन यात्रा
10/17/2023 11:30:28 pm
पद्मश्री डाह्याभाई करुणाशंकर शास्त्री - जीवन परिचय एवं जीवन यात्रा
जन्म - 29-2-1926
निधन - 10/10/2023
जीवनकाल - ९८ वर्ष
जन्मस्थान - डाभला गांव (मेहसाणा जिला )
पिता - करुणाशंकर
माता - मणिबेन
धर्मपत्नी - मंगलाबेन
कर्मस्थान - पेटलाद & नडियाद
सेवाकार्य विषय - संस्कृत, संस्कृति, समाज, राष्ट्र सेवा
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पूज्य पद्मश्री डाह्याभाई शास्त्री |
जीवन परिचय :-
- 29-2-1926 को मेहसाणा जिले के विजापुर तालके के वसई डाभाला गांव में एक ब्राह्मण परिवार में जन्म।
- संस्कृत का गहन अध्ययन करने के कारण उनकी गिनती भारत में संस्कृत के अग्रणी विद्वानों में होती है, उन्हें व्याकरणाचार्य, साहित्याचार्य, हिंदी विशारद की उपाधियाँ प्राप्त हुईं है।
- 19-1-1950 तक पेटलाद राजकीय संस्कृतमहाविद्यालय में शिक्षण कार्य में लगे रहे, शाला के आचार्य के साथ-साथ गुजरात राज्य संस्कृत विभाग के निरीक्षक के रूप में कार्य किया और 1984 में सेवानिवृत्त हुए।
- अपना जीवन संस्कृत और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित करने वाले पू. शास्त्रीजी सेवानिवृत्ति के बाद संस्कृति की नींव को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे । उसके परिणामस्वरूप नडियाद में ब्रह्मर्षि संस्कार धाम नामक एक अनूठी संस्था का उदय हुआ।
- पू. शास्त्रीजी कर्मठ एवं परिश्रमी नेतृत्व में ब्रह्मर्षि संस्कार धाम में संस्कृत विद्यालय, वेद विद्याभवन, गौशाला, अंग्रेजी अध्ययन केन्द्र, योग केन्द्र, पुस्तकालय, छात्रावास, भोजनशाला, नक्षत्र मंदिर, शौर्य प्रशिक्षण केंद्र, शिवालय और मातृ-शिशु कल्याण केंद्र जैसी अनेक गतिविधियाँ सफलतापूर्वक चल रही हैं।
- गुजरात में संस्कृत पाठशाला के सफल प्रधानाचार्य के अलावा, उन्होंने गुजरात में संस्कृत पाठशाला के एक सफल संरक्षक और पर्यवेक्षक की सेवाएं प्रदान की हैं और संस्कृति की रक्षा के इस महान यज्ञ में युवाओं को प्रेरित करने के लिए उत्साह के साथ काम किया। उनके संस्कृत सेवा के कार्य को सरकार और कई सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है।
- कई संगठनों के सार्वजनिक समारोहों में बौद्धिक व्याख्यान, मासिक और साप्ताहिक पत्रिकाओं में लेखों के माध्यम से समाज की सेवा करते हैं।
- इनके इन्ही महान कार्यो को देखते हुए राष्ट्र ने उन्हें २०१६ में पद्मश्री पुरस्कार से सन्मानित किया हे।
वीडियो द्वारा परिचय :-
ब्रह्मर्षि संस्कार धाम, नडियाद ( गुजरात )
लेखन कार्य :-
- लग्न संस्कार
- ब्राह्मण
- प्रमुख पीयूष
- स्मरणसुधा
- जीवनसुधा
- सप्तसुधा
- संस्कृतिसुधा
- स्तुतिसुधा
- भारतीय तत्व दर्शन
- आचमन
- वैदिक वाड्मय का एक प्रारंभिक परिचय
पुरस्कार :-
- सांदीपनि गौरव पुरस्कार - ब्रह्मर्षि पुरस्कार (2000)
- वेद शास्त्र पारंगत संस्कृत पंडित सम्मान (1997)
- साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित – (2007) (2010)
- ब्रह्म रत्न पुरस्कार (उत्तर गुजरात ब्रह्म समाज)
- संस्कृत विद्या वारिधि (भगवान याज्ञवल्कय वेद तत्वज्ञान योगाश्रम)
- अखिल गुजरात ज्योतिष सोसायटी (अहमदाबाद) विद्वत्सम्मानपत्र - अगास पुरस्कार-2009 (ज्योतिष महासम्मेला)
- आनंद-खेड़ा-जिला सद्भावना परिवार ट्रस्ट -सद्भावना पुरस्कार
- श्री उमरेठ नगर समस्त ब्रह्मसमाज "ब्रह्मर्षि रत्नम”
- संस्कार भारती (नाडियाड) - "पूजन पुष्पा''
- "जीवनदीप” - संस्कार परिवार (वडोदरा) -संस्कृत भाषा शिक्षा और संवर्धन की सेवाओं के लिए "संस्कार पुरस्कार"।
- श्री बृहद गुजरात संस्कृत परिषद (अहमदाबाद) - साहित्य - पुराण-धर्मशास्त्र की विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित
- उमरेठ पीपल्स को.ओ. बैंक की ओर से सम्मान की बधाई
- विद्या वाचस्पति (डी.लिट) - श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल (2013)
- ग्लोरी ऑफ गुजरात पुरस्कार - 2015 को राज्यपाल द्वारा राजभवन में
- 2016 में राष्ट्रपति भवन दिल्ली में राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त हुआ
- श्री सोमनाथ ट्रस्ट, प्रभासपाटण द्वारा सुवर्णचन्द्रक (2014) से सम्मानित और कई संस्थाओ द्वारा भी सम्मानित।
सामाजिक सेवाएं:
- धर्मजागरण न्यास-नई दिल्ली - पूर्व अध्यक्ष
- भारत सम्मान परिषद - नई दिल्ली - केन्द्रीय उपाध्यक्ष
- संस्कृत भारती-नई दिल्ली - सदस्य न्यासी मंडल (ट्रस्टी)
- विश्व हिंदू परिषद-नई दिल्ली - पूर्व अखिल भारतीय उपाध्यक्ष
- विश्व हिंदू परिषद- गुजरात : संरक्षक (गुजरात प्रदेश)
- ब्रह्मर्षि संस्कार धाम मेहसाणा - संस्थापक
- स्वाध्याय मंडल किला पारडी, - वलसाड - अध्यक्ष
- करुणामणि मंगला सेवा ट्रस्ट, नडियाद - संस्थापक
- ब्रह्मर्षि संस्कार धाम नडियाद - संस्थापक
- 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर अभिवदन समिति द्वारा शास्त्रीजी के जीवन और कवन से जुडा "संस्कृति सुवास" नामक एक विशाल ग्रंथ प्रकाशित हुआ।
- कई अन्य सामाजिक संस्थाओं में भी सेवाएं दे रहे हैं।
- पू. शास्त्रीजी का अर्थ है संस्कृत और संस्कृति का अनमोल रत्न
- 98 वर्ष के जीवनकाल बाद पद्मश्री डॉ. डाह्याभाई करुणाशंकर शास्त्रीजी 10/10/2023 संवत 2079 भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी को प्रातः 09.15 बजे ब्रह्मलीन हो गये।
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अन्य विशेष माहिती :-
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भाव-शब्द श्रद्धांजलि
ब्रह्मर्षि संस्कार धाम, डाकोर रोड, नडियाद, 387001 जिला - खेड़ा फोन : 0268-2566769 मो. 98257 13302 पद्मश्री डाह्याभाई करुणाशंकर शास्त्री - जीवन वृत
मोटा गुरुजी
ई.मेल: bsmv1995@yahoo.com
हमारे बडे गुरूजी - लि. आशीष जोषी
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