🙏 संस्कृतज्ञानपरिवारे🙏 भवतां सर्वेषां स्वगतम् 🙏

Multi-Site Label Widget

संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

Click here to explore labels from all associated sites.

संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

×

Loading labels from all sites…

स्वादिगण (पञ्चम् गण) परिचय, महत्व, धातु सूची, उपयोग

स्वादिगण (पञ्चम् गण) परिचय, महत्व, धातु सूची, उपयोग

 संस्कृत धातुरूप – स्वादिगण

संस्कृत व्याकरण में धातु शब्द निर्माण का मूल आधार है। पाणिनि की अष्टाध्यायी में सभी धातुओं को 10 गणों में विभाजित किया गया है, जिनमें छठा गण है स्वादिगण। इस गण का नाम इसकी पहली धातु स्वद् (अर्थ: स्वाद लेना, आनंद प्राप्त करना) के आधार पर रखा गया है। स्वादिगण की धातुएं संस्कृत साहित्य और वैदिक ग्रंथों में विशेष स्थान रखती हैं।


स्वादिगण का परिचय

स्वादिगण की धातुएं मुख्यतः परस्मैपदी होती हैं, अर्थात् क्रिया का फल किसी अन्य को प्राप्त होता है। इन धातुओं का उपयोग स्वाद, अनुभव, और आनंद जैसे भावों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

स्वादिगण की विशेषताएं:

  1. परस्मैपदी धातुएं: इस गण की अधिकांश धातुएं परस्मैपदी हैं।
  2. अर्थगत विविधता: ये धातुएं स्वाद, संवेदनाओं और भावनात्मक अनुभवों को व्यक्त करती हैं।
  3. वैदिक उपयोग: स्वादिगण की धातुएं वैदिक और शास्त्रीय संस्कृत में क्रियाओं के सूक्ष्म विवरण को व्यक्त करती हैं।

स्वादिगण की धातु सूची

स्वादिगण (पञ्चम गण) में वे धातुएँ आती हैं जो सामान्यतः आत्मनेपदी होती हैं। इन धातुओं से बनने वाले क्रिया रूप आत्मनेपदी प्रत्ययों के साथ बनते हैं। स्वादिगण की धातुएँ विभिन्न प्रकार की भावात्मक और क्रियात्मक क्रियाओं के लिए उपयोग में आती हैं। नीचे स्वादिगण की धातुओं की सूची हिंदी अर्थ और उदाहरण के साथ प्रस्तुत की गई है:


संस्कृत धातुहिंदी अर्थउदाहरण (लट् लकार)
स्वद्स्वाद लेनासः स्वादते (वह स्वाद लेता है)।
खिद्थकनासः खिद्यते (वह थकता है)।
बुध्जाननासः बुध्यते (वह जानता है)।
पच्पकानासः पच्यते (वह पकता है)।
रुच्रुचि होनासः रुच्यते (वह रुचि लेता है)।
मुच्छोड़नासः मुच्यते (वह छोड़ता है)।
लिप्लिपटनासः लिप्यते (वह लिपटता है)।
स्निह्स्नेह करनासः स्नेह्यते (वह स्नेह करता है)।
कुप्क्रोधित होनासः कुप्यते (वह क्रोधित होता है)।
तुष्संतुष्ट होनासः तुष्यते (वह संतुष्ट होता है)।
शुच्शोक करनासः शुच्यते (वह शोक करता है)।
क्षमक्षमा करनासः क्षम्यते (वह क्षमा करता है)।

विशेषताएँ:

  1. स्वादिगण की धातुएँ आत्मनेपदी होने के कारण इनके रूप आत्मनेपदी प्रत्ययों से बनते हैं।
  2. इन धातुओं का प्रयोग भावात्मक और दैनिक क्रियाओं के लिए होता है।
  3. स्वादिगण की धातुओं से बनने वाले रूपों में लट् लकार (वर्तमान काल), लङ्ग् लकार (भूतकाल) और लोट् लकार (आज्ञा) के रूप विशेष रूप से प्रयुक्त होते हैं।

धातु "स्वद्" (स्वाद लेना) के रूप (लट् लकार)

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमस्वादतेस्वादेतेस्वादन्ते
मध्यमस्वादसेस्वादेथेस्वादध्वे
उत्तमस्वादेस्वादावहेस्वादामहे

स्वादिगण के लकार रूप

स्वादिगण की धातुएं संस्कृत के सभी लकारों में प्रयुक्त होती हैं। उदाहरण:

  1. लट् लकार (वर्तमान काल):

    • स्वादति (वह स्वाद लेता है)
    • गदति (वह बोलता है)
  2. लङ् लकार (भूतकाल):

    • अस्वदत् (उसने स्वाद लिया)
    • अगदत् (उसने बोला)
  3. लृट् लकार (भविष्यकाल):

    • स्वादिष्यति (वह स्वाद लेगा)
    • गदिष्यति (वह बोलेगा)

स्वादिगण का व्यावहारिक उपयोग

स्वादिगण की धातुएं साहित्य और वैदिक परंपराओं में अनुभूतियों और गतिविधियों के वर्णन के लिए उपयोगी हैं।

  • स्वद्: भोजन, अनुभव और आनंद का वर्णन करने के लिए।
  • गद्: संवाद और वाणी को व्यक्त करने के लिए।
  • पच्: कृषि और भोजन से संबंधित क्रियाओं के लिए।

उदाहरण:

  • "भिक्षुः स्वादति," जिसका अर्थ है, "भिक्षु भोजन का स्वाद लेता है।"
  • "पिता पचति," अर्थात "पिता भोजन पकाते हैं।"

निष्कर्ष

स्वादिगण संस्कृत के व्याकरणिक और साहित्यिक उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी धातुएं संवेदनाओं और क्रियाओं के सूक्ष्म पहलुओं को व्यक्त करती हैं। स्वादिगण का अध्ययन भाषा की समृद्धि, वैज्ञानिकता, और व्याकरणिक संरचना को समझने में सहायक है।

स्वादिगण की धातुएं न केवल शास्त्रीय संस्कृत को गहराई देती हैं, बल्कि आधुनिक भाषा में भी प्रेरणादायक उपयोगिता प्रस्तुत करती हैं। इन धातुओं का अध्ययन संस्कृत भाषा के प्रति रुचि और उसके सौंदर्य को समझने का माध्यम है।

मम विषये! About the author

ASHISH JOSHI
नाम : संस्कृत ज्ञान समूह(Ashish joshi) स्थान: थरा , बनासकांठा ,गुजरात , भारत | कार्य : अध्ययन , अध्यापन/ यजन , याजन / आदान , प्रदानं । योग्यता : शास्त्री(.B.A) , शिक्षाशास्त्री(B.ED), आचार्य(M. A) , contact on whatsapp : 9662941910

Post a Comment

आपके महत्वपूर्ण सुझाव के लिए धन्यवाद |
(SHERE करे )