श्री गिरिराज जी की आरती

श्री गिरिराज जी की आरती

 श्री गिरिराज जी की आरती

आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

श्री गिरिराज

श्री गिरिराज जी की आरती

ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वत्मी जय जय जय गिरिराज 

संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज ।। ओउम जय 


इंद्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौ ध्यान धेरै

रिषि मुनिजन यश गावें, ते भव सिन्धु तरें । । ओउम जय 


सुंदर रूप तुम्हारौ श्याम सिला सोहे'

वन उपवन लखि-लखि के भक्तन मन मोहे ।। ओउम जय 


मध्य मानसी गंग कलि के मल हरनी

तापै दीप जलावें, उत्तरे' वैतरणी ।। ओउम जय 


नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन पावन सुखकारी 

बायें राधा कुण्ड नहावें महा पापहारी ।। ओउम जय 


तुम्ही मुक्ति के दाता कलियुग के स्वामी 

दीनन के हो रक्षक प्रभु अंतर्यामी ।। ओउम जय 


ह्म हैं शरण तुम्हारी, गिरिवर गिरधारी 

देवक्रीनन्दन कृपा करो, हे भक्तन हितकारी || ओउम जय 


जो नर दे परिकम्मा पूजन पाठ करें

गावे' नित्य आरती पुनि नहि' जनम धेरें ।। ओउम जय




श्री गोवर्धन


श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,


 तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ । 


तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, 


तोपे चढ़े दूध की धार । 


तेरी सात कोस की परिक्रमा, 


चक्लेश्वर है विश्राम । 


तेरे गले मै कंठा साज रेहेओ, 


ठोड़ी पे हीरा लाल ।


तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ, 


गिरराज धारण प्रभु तेरी शरण ।



आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका



मम विषये! About the author

ASHISH JOSHI
नाम : संस्कृत ज्ञान समूह(Ashish joshi) स्थान: थरा , बनासकांठा ,गुजरात , भारत | कार्य : अध्ययन , अध्यापन/ यजन , याजन / आदान , प्रदानं । योग्यता : शास्त्री(.B.A) , शिक्षाशास्त्री(B.ED), आचार्य(M. A) , contact on whatsapp : 9662941910

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