आरती गजबदन विनायककी

आरती गजबदन विनायककी

 आरती गजबदन विनायककी

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा - श्री गणेश जी की आरती 

आरती गजबदन विनायककी

श्री गजबदन विनायक

आरती गजबदन विनायककी। सुर-मुनि-पूजित गणनायककी॥ x2 

आरती गजबदन विनायककी ||

एकदन्त शशभाल गजानन, विघ्विनाशक शुभगण कानन | 

शिवसुत वन्धमान-चतुरानन, दुःखविनाशक सुखदायक की॥ 

आरती गजबदन विनायककी ||

ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति। 

अघ - वन - दहन अमल अबिगत गति, विद्या - विनय-विभव-दायककी ॥ 

आरती गजबदन विनायककी ||

पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर, धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर 

लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर, सुर- वन्दित सब विधि लायककी||

आरती गजबदन विनायककी |



मम विषये! About the author

ASHISH JOSHI
नाम : संस्कृत ज्ञान समूह(Ashish joshi) स्थान: थरा , बनासकांठा ,गुजरात , भारत | कार्य : अध्ययन , अध्यापन/ यजन , याजन / आदान , प्रदानं । योग्यता : शास्त्री(.B.A) , शिक्षाशास्त्री(B.ED), आचार्य(M. A) , contact on whatsapp : 9662941910

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