आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका
श्री सूर्य देव
ॐ जय सूर्य भगवान | जय हो तिनकर भगवान |
जगत के नेत्र स्वरूपा] तुम हो त्रिगुणा स्वरूपा || धरता सबही सब ध्यान ||
ॐ जय सूर्य भगवान
सारथी अरुण है प्रभु तुम | श्वेता कमालाधारी | तुम चार भुजा धारी ||
अश्वा है साथ तुम्हारे | कोटि किराना पसारे | तुम हो देव महान
ॐ जय सूर्य भगवान ....
उषा काल में जब तुम | उदय चल आते , तब सब दर्शन पाते ।
फैलाते उजीआरा | जागता तब जग सारा | करे तब सब गुण गान ||
ॐ जय सूर्य भगवान ....
भूवर जलवार खेचार | सब के हो प्राण तुम्ही | सब जीवो के प्राण तुम्ही |
वेद पुराण भखाने | धर्म सभी तुम्हे माने | तुम ही सर्व शक्तिमान ॥
ॐ जय सूर्य भगवान
पूजन करती विशाएं | पूजे सब एक पार l तुम भुवनो के प्रतिपाल l ऋतुएं तुम्हारी दासी l तुम शशक अविनाशी, शुभकारी अंशुमान ॐ जय सूर्य भगवान ... ,