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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे - श्री चन्द्र देवजी की आरती

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे - श्री चन्द्र देवजी की आरती

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे - श्री चन्द्र देवजी की आरती

आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

श्री चन्द्र देव

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे - श्री चन्द्र देवजी की आरती

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।

सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।


ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा । 

दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । 


रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी । 

दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी | 


योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धेरें । 

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा । 


वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।

प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी । 


शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी । 

धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे । 


विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी । 

सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें।



मम विषये! About the author

ASHISH JOSHI
नाम : संस्कृत ज्ञान समूह(Ashish joshi) स्थान: थरा , बनासकांठा ,गुजरात , भारत | कार्य : अध्ययन , अध्यापन/ यजन , याजन / आदान , प्रदानं । योग्यता : शास्त्री(.B.A) , शिक्षाशास्त्री(B.ED), आचार्य(M. A) , contact on whatsapp : 9662941910

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