श्री रविवार व्रत जी आरती

 श्री रविवार व्रत की आरती

आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

श्री रविवार व्रत

श्री रविवार व्रत जी  आरती

कहूँ लगि आरती दास करेंगे, 

सकल जगत जाकि जोति विराजे || टेक 


भार उठारह रोमावलि जाके, 

कहा भयो शिर पुष्प धरे हो राम | 


छप्पन भोग जाके नितप्रति लागे, 

कहा भयो नैवैध धरे हो राम | 


अमित कोटि जाके बाजा बाजे,

 कहा भयो झंकार करे हो राम | 


हिम मंदार जाको पवन झंकोरे,

 कहा भयो शिर चवर ढुरे हो राम |


 लख चोरासी बन्दे छुडाये, 

केवल हरियश नामदेव गाये || हो राम


सात समुन्द्र जाके चरणनि बसे,

 कहा भयो जल कुम्भ भरे हो राम | 


कोटि भानु जाके नख की शोभा, 

कहा भयो मंदिर दीप धरे हो राम |


चार वेद जाके मुख की शोभा, 

कहा भयो ब्रहमा वेद पड़े हो राम | 


शिव सनकादिक आदि ब्रह्मादिक,

 नारद मुनि जाको धयान धरें हो राम |