हर हर हर महादेव! शिवशंकरजी की आरती

  हर हर हर महादेव! शिवशंकरजी की आरती

आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

श्री शिवशंकर

हर हर हर महादेव! शिवशंकरजी की आरती

 हर हर हर महादेव! 

सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी । 

अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी ||

हर हर हर महादेव!


आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी ।

अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी ॥ 

हर हर हर महादेव!


ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी । 

कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी ||

हर हर हर महादेव!


रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी ।

साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी || 

हर हर हर महादेव!


मणिमय-भवन निवासी, अति भोगी रागी | 

सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी |

हर हर हर महादेव!


छाल-कपाल, गरल-गल, मुण्डमाल व्याली 

चिता भस्मतन त्रिनयन, अयनमहाकाली || 

हर हर हर महादेव! 


प्रेत-पिशाच-सुसेवित, पीत जटाधारी |

विवसन विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी ॥ 

हर हर हर महादेव!


शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी | 

अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मन-हारी || 

हर हर हर महादेव!


निर्गुण, सगुण, निरञ्जन, जगमय नित्य प्रभो। 

कालरूप केवल हर ! कालातीत विभो ।

हर हर हर महादेव!


सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता।

प्रेम-सुधा-निधि प्रियतम, अखिल विश्व त्राনা|| 

हर हर हर महादेव!


हम अतिदीन, दयामय! चरण-शरण दीजै । 

सब विधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै ।। 

हर हर हर महादेव!