गाइये गनपति जगबंदन गणेश स्तुति ( तुलसीदास जी विनय पत्रिका)
3/16/2023 01:16:33 pm
गाइये गनपति जगबंदन गणेश स्तुति ( तुलसीदास जी विनय पत्रिका)
श्री गणेश स्तुति ( तुलसीदास जी विनय पत्रिका)
आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका
श्लोक
ॐ गजाननं भूतागणाधि सेवितम्,
कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्||
स्तुति
गाइये गनपति जगबंदन।
संकर सुवन भवानी नंदन ॥ 1 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
सिद्धि- सदन, गज बदन, बिनायक |
कृपा - सिंधु, सुंदर सब-लायक ॥ 2 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
मोदक - प्रिय, मुद-मंगल - दाता।
बिद्या-बारिधि, बुद्धि बिधाता ॥ 3 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
मांगत तुलसिदास कर जोरे ।
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥ 4 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।