जय पुरुषोत्तम देवा -श्री पुरुषोत्तम देवजी की आरती

जय पुरुषोत्तम देवा -श्री पुरुषोत्तम देवजी की आरती

आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

श्री पुरुषोत्तम देव

जय पुरुषोत्तम देवा -श्री पुरुषोत्तम देवजी की आरती

जय पुरुषोत्तम देवा, स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा ।

महिमा अमित तुम्हारी, सुर-मुनि करें सेवा ||

जय पुरुषोत्तम देवा||


सब मासों में उत्तम, तुमको बतलाया।

कृपा हुई जब हरि की, कृष्ण रूप पाया।

जय पुरुषोत्तम देवा||


पूजा तुमको जिसने सर्व सुक्ख दीना |

निर्मल करके काया, पाप छार कीना ||

जय पुरुषोत्तम देवा ||


मेधावी मुनि कन्या, महिमा जब जानी |
द्रोपदि नाम सती से, जग ने सन्मानी ॥
जय पुरुषोत्तम देवा||

विप्र सुदेव सेवा कर, मृत सुत पुनि पाया।
धाम हरि का पाया, यश जग में छाया ।।
जय पुरुषोत्तम देवा ||

नृप दृढ़धन्वा पर जब, तुमने कृपा करी |
व्रतविधि नियम और पूजा, कीनी भक्ति भरी ॥
जय पुरुषोत्तम देवा ||


शूद्र मणीग्रिव पापी, दीपदान किया।

निर्मल बुद्धि तुम करके, हरि धाम दिया ||

जय पुरुषोत्तम देवा||


पुरुषोत्तम व्रत-पूजा हित चितसे करते

प्रभुदास भव नद से सहजही वे तरते ॥

जय पुरुषोत्तम देवा||



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