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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे आरती

जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे आरती

जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे आरती 

आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका


श्री खाटूश्याम

जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे | 
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे || ॐ

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे | 
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े || ॐ

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे | 
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले || ॐ

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे | 
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे || ॐ

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे | 
भक्त आरती गावे, जय - जयकार करे || ॐ

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे | 
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरे || ॐ

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे | 
कहत भक्त - जन, मनवांछित फल पावे || ॐ

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे | 
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे || ॐ

जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे | 
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे || ॐ


आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

मम विषये! About the author

ASHISH JOSHI
नाम : संस्कृत ज्ञान समूह(Ashish joshi) स्थान: थरा , बनासकांठा ,गुजरात , भारत | कार्य : अध्ययन , अध्यापन/ यजन , याजन / आदान , प्रदानं । योग्यता : शास्त्री(.B.A) , शिक्षाशास्त्री(B.ED), आचार्य(M. A) , contact on whatsapp : 9662941910

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