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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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आरती जुगलकिशोर कि कीजै

आरती जुगलकिशोर कि कीजै

आरती जुगलकिशोर कि कीजै 

आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

श्री जुगलकिशोर

आरती जुगलकिशोर कि कीजै

आरती जुगलकिशोर कि कीजै | तन मन धन न्यौछावर कीजै | 

रवि शशि कोटि बदन कि शोभा | ताहि निरखि मेरी मन लोभा | 


गौर श्याम मुख निखरत रीझै | प्रभु को स्वरूप नयन भरि पीजै | 

कंचन थार कपूर की बाती | हरि आए निर्मल भई छाती | 


फूलन की सेज की माला | रतन सिंहासन बैठे नन्दलाला | 

मोर मुकुट कर मुरली सोहे | नटवर वेष देखि मन मोहे | 


ओढ़यो नील-पीत पटसारी, कुंज बिहारी गिरवरधारी | 

आरती करत सकल ब्रजनारी | नन्दनन्दन वृषभानु किशोरी | 


परमानन्द स्वामी अविचल जोड़ी | आरती जुगल किशोर की कीजै |


मम विषये! About the author

ASHISH JOSHI
नाम : संस्कृत ज्ञान समूह(Ashish joshi) स्थान: थरा , बनासकांठा ,गुजरात , भारत | कार्य : अध्ययन , अध्यापन/ यजन , याजन / आदान , प्रदानं । योग्यता : शास्त्री(.B.A) , शिक्षाशास्त्री(B.ED), आचार्य(M. A) , contact on whatsapp : 9662941910

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