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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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संस्कृत-ज्ञानस्य अनुक्रमणिका

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जय भैरव देवा - श्री भैरव देवजी की आरती

जय भैरव देवा - श्री भैरव देवजी की आरती

 जय भैरव देवा - श्री भैरव देवजी की आरती


आरती क्या है और कैसे करनी चाहिए? प्रमुख देवी-देवताओ की आरतीया अनुक्रमणिका

श्री भैरव देव

जय भैरव देवा - श्री भैरव देवजी की आरती

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा

जय काली और गौर देवी कृत सेवा || 

जय भैरव || 


तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक 

भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक || 

जय भैरव || 


वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी

महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी || 

जय भैरव || 

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे 

चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे || 

जय भैरव || 


तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी 

कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी || 

जय भैरव || 


पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत 

बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत || 

जय भैरव || 


बत्कुनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे

कहे धरनी घर नर मनवांछित फल पावे || 

जय भैरव ||



मम विषये! About the author

ASHISH JOSHI
नाम : संस्कृत ज्ञान समूह(Ashish joshi) स्थान: थरा , बनासकांठा ,गुजरात , भारत | कार्य : अध्ययन , अध्यापन/ यजन , याजन / आदान , प्रदानं । योग्यता : शास्त्री(.B.A) , शिक्षाशास्त्री(B.ED), आचार्य(M. A) , contact on whatsapp : 9662941910

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